हज़रत-ए-'दाग़' है ये कूचा-ए-क़ातिल उठिए By Sher << हज़रत-ए-दाग़ जहाँ बैठ गए ... हज़ारों काम मोहब्बत में ह... >> हज़रत-ए-'दाग़' है ये कूचा-ए-क़ातिल उठिए जिस जगह बैठते हैं आप तो जम जाते हैं Share on: