दम भर रहे हबाब-ए-नमत काएनात में By Sher << तुम हो खोए हुए ज़माने में ग़म हो कि ख़ुशी दोनों कुछ... >> दम भर रहे हबाब-ए-नमत काएनात में इस ज़िंदगी में नाम नहीं माह-ओ-साल का Share on: