हर एक शाम सँवर जाएगी मिरी 'मोहसिन' By Sher << हर तरफ़ दर्द का आहों का स... बात तेरे नाम की होने लगी >> हर एक शाम सँवर जाएगी मिरी 'मोहसिन' हर एक बात तुम्हारी है शाइ'री की तरह Share on: