डराता है हमें महशर से तू वाइज़ अरे जा भी By Sher << तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा... ये इश्क़ के ख़ुतूत भी कित... >> डराता है हमें महशर से तू वाइज़ अरे जा भी ये हंगामे तो हम ने रोज़ कू-ए-यार में देखे Share on: