दर्द जब ज़ब्त की हर हद से गुज़र जाता है By Sher << गँवा दी उम्र जिस को जीतने... बरसेंगी आज रहमतें आमद है ... >> दर्द जब ज़ब्त की हर हद से गुज़र जाता है ख़्वाब तन्हाई की आग़ोश में सो जाते हैं Share on: