दर्द से भरता रहा ज़ात के ख़ाली-पन को By Sher << दोस्तो मेरे लिए कोई भी अफ... चल तो सकता था मैं भी पानी... >> दर्द से भरता रहा ज़ात के ख़ाली-पन को थोड़ा थोड़ा यूँही भरपूर किया मैं ने मुझे Share on: