दर्द-ए-उल्फ़त ज़िंदगी के वास्ते इक्सीर है By Sher << हम जो मस्ती में गिरते पड़... दारुश्शफ़ा-ए-इश्क़ में ले... >> दर्द-ए-उल्फ़त ज़िंदगी के वास्ते इक्सीर है ख़ाक के पुतले इसी जौहर से इंसाँ हो गए love's longing, pain is to life akin to alchemy this substance turned forms of clay, into humanity Share on: