दश्त में वादी-ए-शादाब को छू कर आया By Sher << चढ़ा हुआ था वो दरिया अगर ... आ गया कौन ये आज उस के मुक... >> दश्त में वादी-ए-शादाब को छू कर आया मैं खुली-आँख हसीं ख़्वाब को छू कर आया Share on: