दश्त-ए-जुनूँ में आ गईं आँखें जो उन की याद By Sher << न पाया वक़्त ऐ ज़ाहिद कोई... करना पड़ेगा अपने ही साए म... >> दश्त-ए-जुनूँ में आ गईं आँखें जो उन की याद भागा में ख़ाक डाल के चश्म-ए-ग़ज़ाल में Share on: