दश्त-ए-शब में पता ही नहीं चल सका By Sher << असर ये तेरे अन्फ़ास-ए-मसी... हँसी मज़ाक़ की बातें यहीं... >> दश्त-ए-शब में पता ही नहीं चल सका अपनी आँखें गईं या सितारे गए Share on: