दश्त-ओ-दरिया की इब्तिदा से हैं By Sher << रवानी में नज़र आता है जो ... बैठे बैठे इसी ग़ुबार के स... >> दश्त-ओ-दरिया की इब्तिदा से हैं हम वही तीन दिन के प्यासे हैं Share on: