दौलत-ए-दुनिया नहीं जाने की हरगिज़ तेरे साथ By Sher << ये सूरज क्यूँ भटकता फिर र... किस से शिकवा करें वीरानी-... >> दौलत-ए-दुनिया नहीं जाने की हरगिज़ तेरे साथ बाद तेरे सब यहीं ऐ बे-ख़बर बट जाएगी Share on: