दावा किया था गुल ने तिरे रुख़ से बाग़ में By Sher << टूट सकता है छलक सकता है छ... ज़ुल्मतों में रौशनी की जु... >> दावा किया था गुल ने तिरे रुख़ से बाग़ में सैली लगी सबा की तो मुँह लाल हो गया Share on: