दावर-ए-हश्र मिरा नामा-ए-आमाल न देख By Sher << चार जानिब देख कर सच बोलिए भीगी मिट्टी की महक प्यास ... >> दावर-ए-हश्र मिरा नामा-ए-आमाल न देख इस में कुछ पर्दा-नशीनों के भी नाम आते हैं Share on: