देख दामन-गीर महशर में तिरे होवेंगे हम By Sher << आँख खुलते ही बस्तियाँ तार... आज ज़रा सी देर को अपने अं... >> देख दामन-गीर महशर में तिरे होवेंगे हम ख़ूँ हमारा अपने दामन से न ऐ क़ातिल छुड़ा Share on: