देख ये दिल जो कभी हद से गुज़र जाता था By Sher << तू जफ़ाओं से जो बदनाम किए... दिल से आख़िर चराग़-ए-वस्ल... >> देख ये दिल जो कभी हद से गुज़र जाता था देख दरिया में कोई शोर न तुग़्यानी है Share on: