धोया गया तमाम हमारा ग़ुबार-ए-दिल By Sher << इस जहाँ से गुज़र गए लाखों वहाँ पहुँच नहीं सकतीं तुम... >> धोया गया तमाम हमारा ग़ुबार-ए-दिल गिर्ये ने दिल से ख़ूब निकाला बुख़ार-ए-दिल Share on: