धुआँ उठता नज़र आता है हर-सू By Sher << मैं जंगलों में दरिंदों के... आग़ाज़-ए-मोहब्बत से अंजाम... >> धुआँ उठता नज़र आता है हर-सू अभी आबाद है वीराना दिल का Share on: