धुआँ सिगरेट का बोतल का नशा सब दुश्मन-ए-जाँ हैं By Sher << दूर तक कोई न आया उन रुतों... भटक जाती हैं तुम से दूर च... >> धुआँ सिगरेट का बोतल का नशा सब दुश्मन-ए-जाँ हैं कोई कहता है अपने हाथ से ये तल्ख़ियाँ रख दो Share on: