दिल भी तो इक दयार है रौशन हरा-भरा By Sher << ख़ुदा देवे अगर क़ुदरत मुझ... रहम कर मस्तों पे कब तक ता... >> दिल भी तो इक दयार है रौशन हरा-भरा आँखों का ये चराग़ बुझा और देख ले Share on: