दिल दे न दे मगर ये तिरा हुस्न-ए-बे-मिसाल By Sher << ज़रा देखें तो दुनिया कैसे... ग़रज़ कुफ़्र से कुछ न दीं... >> दिल दे न दे मगर ये तिरा हुस्न-ए-बे-मिसाल वापस न कर फ़क़ीर को आख़िर बदन तो है Share on: