दिल डूब गया टूट गया सब्र का लंगर By Sher << इश्क़ बहरूप था जो चश्म ओ ... ज़ाहिदो पूजा तुम्हारी ख़ू... >> दिल डूब गया टूट गया सब्र का लंगर हो कश्ती-ए-तन क्यूँ न परेशान-ए-तलातुम Share on: