दिल एक और हज़ार आज़माइशें ग़म की By Sher << आँख क्या तुझ से मिलाते तौ... तुम्हारे दिल में कोई और भ... >> दिल एक और हज़ार आज़माइशें ग़म की दिया जला तो था लेकिन हवा की ज़द पर था Share on: