दिल है किस का जिस में अरमाँ आप का रहता नहीं By Sher << दिल रहे या न रहे ज़ख़्म भ... ऐ शम्अ' तुझ पे रात ये... >> दिल है किस का जिस में अरमाँ आप का रहता नहीं फ़र्क़ इतना है कि सब कहते हैं मैं कहता नहीं Share on: