दिल है वीरान बयाबाँ की तरह By Sher << कितने इल्ज़ाम आख़िर अपने ... मैं आइना था छुपाता किसी क... >> दिल है वीरान बयाबाँ की तरह गोशा-ए-शहर-ए-ख़मोशाँ की तरह Share on: