दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ By Sher << काम की बात मैं ने की ही न... तू ख़िज़ाँ में जो सैर को ... >> दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ it's just a heart, no stony shard why shouldn't it fill with pain i will cry a thousand times,why should someone complain? Share on: