दिल ही तो है सियासत-ए-दरबाँ से डर गया By Sher << कैसे कहें कि तुझ को भी हम... उड़ गई टोपी भी सर के जब च... >> दिल ही तो है सियासत-ए-दरबाँ से डर गया मैं और जाऊँ दर से तिरे बिन सदा किए Share on: