दिल जहाँ बात करे दिल ही जहाँ बात सुने By Sher << शाख़-ए-तन्हाई से फिर निकल... ज़िंदगी मर्ग-ए-तलब तर्क-ए... >> दिल जहाँ बात करे दिल ही जहाँ बात सुने कार-ए-दुश्वार है उस तर्ज़ में कहना अच्छा Share on: