दिल का छूना था कि जज़्बात हुए पत्थर के By Sher << अजब कुछ इश्क़ की ख़ुश-तर ... हमारी ज़िंदगी क्या है मोह... >> दिल का छूना था कि जज़्बात हुए पत्थर के ऐसा लगता है कि हम शहर-ए-तिलिस्मात में हैं Share on: