दिल क़नाअत ज़रा सी करता तो By Sher << ऐ दैर-ओ-हरम वालो तुम दिल ... नहीं है ख़्वाब दीवाने का ... >> दिल क़नाअत ज़रा सी करता तो हर मोहब्बत थी आख़िरी मेरी Share on: