दिल के अंदर भी चार ख़ाने हैं By Sher << ज़िंदगानी का लुत्फ़ तो &#... कितने ही फूल चुन लिए मैं ... >> दिल के अंदर भी चार ख़ाने हैं कोई कैसे न बद-गुमाँ होगा Share on: