दिल ख़ुश न हुआ ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ से निकल कर By Sher << जब मैं चलूँ तो साया भी अप... तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों ... >> दिल ख़ुश न हुआ ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ से निकल कर पछताए हम इस शाम-ए-ग़रीबाँ से निकल कर Share on: