दिल की हालत बयाँ नहीं होती By Sher << जला दिए हैं किसी ने पुरान... आग इस दिल-लगी को लग जाए >> दिल की हालत बयाँ नहीं होती ख़ामुशी जब ज़बाँ नहीं होती Share on: