दिल लगता है बाहर से जो बोसीदा मकाँ सा By Sher << अजीब चीज़ है ये शौक़-ए-आर... फ़ज़ा है तीरा ओ तारीक और ... >> दिल लगता है बाहर से जो बोसीदा मकाँ सा दाख़िल तो कभी हो के ये क़स्र-ए-अदनी देख Share on: