दिल में जब से देखता है वो तिरी तस्वीर को By Sher << ख़ुशी से काँप रही थीं ये ... घर अपना किसी और की नज़रों... >> दिल में जब से देखता है वो तिरी तस्वीर को नूर बरसाता है अपनी चश्म-ए-तर से आफ़्ताब Share on: