दिल में तिरे ख़ुलूस समोया न जा सका By Sher << दिए बुझाती रही दिल बुझा स... बनाए जाता था मैं अपने हाथ... >> दिल में तिरे ख़ुलूस समोया न जा सका पत्थर में इस गुलाब को बोया न जा सका Share on: