दिल ने चुपके से कहा कोशिश-ए-नाकाम के बाद By Sher << हिन्दू बचा ने छीन के दिल ... बहुत दिनों से नहीं है कुछ... >> दिल ने चुपके से कहा कोशिश-ए-नाकाम के बाद ज़हर ही दर्द-ए-मोहब्बत की दवा हो जैसे Share on: