दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है By Sher << झूट है सब तारीख़ हमेशा अप... देर लगी आने में तुम को शु... >> दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है यूँ ही छन से बोल उठना तो शीशे का दस्तूर नहीं Share on: