दिल परेशाँ हो मगर आँख में हैरानी न हो By Sher << ईद के दिन जाइए क्यूँ ईद-ग... तिरे माथे पे ये आँचल बहुत... >> दिल परेशाँ हो मगर आँख में हैरानी न हो ख़्वाब देखो कि हक़ीक़त से पशीमानी न हो Share on: