दिल से रुख़्सत हुई कोई ख़्वाहिश By Sher << निज़ाम-ए-ज़र में किसी और ... बहर-ए-ग़म से पार होने के ... >> दिल से रुख़्सत हुई कोई ख़्वाहिश गिर्या कुछ बे-सबब नहीं आता Share on: