दिल था बग़ल में मुद्दई ख़ूब हुआ जो ग़म हुआ By Sher << निकल कर दैर-ओ-काबा से अगर... मैं तो तालिब दिल से हूँगा... >> दिल था बग़ल में मुद्दई ख़ूब हुआ जो ग़म हुआ जाने से उस की इन दिनों हम को बड़ा फ़राग़ है Share on: