दिल उलझता रहा ता-सुब्ह हमारा शब को By Sher << जब उन्हें देखो प्यार आता ... उन्हीं रास्तों ने जिन पर ... >> दिल उलझता रहा ता-सुब्ह हमारा शब को पड़ गया उस के जो फूलों के ज़रा हार में बल Share on: