दिल-ए-पुर-आबला लाया हूँ दिखाने तुम को By Sher << माइल-ए-शेर-ओ-ग़ज़ल फिर है... लगी रहती है अश्कों की झड़... >> दिल-ए-पुर-आबला लाया हूँ दिखाने तुम को बंद ऐ शीशा-गरो! अपनी दुकाँ कीजिएगा Share on: