दिल-ए-सद-चाक मिरा राह यहाँ कब पाए By Sher << राब्ता लाख सही क़ाफ़िला-स... मुझे आता है रोना ऐसी तन्ह... >> दिल-ए-सद-चाक मिरा राह यहाँ कब पाए कूचा-ए-ज़ुल्फ़ में फिरता है तिरे शाना ख़राब Share on: