दिलों में ज़ख़्म होंटों पर तबस्सुम By Sher << महसूर ख़ुद हैं अपने सुरों... तेरे दिल से अगर उतर जाएँ >> दिलों में ज़ख़्म होंटों पर तबस्सुम उसी का नाम तो ज़िंदा-दिली है Share on: