दिन के हंगामे जिला देते हैं मुझ को वर्ना By Sher << मैं नहीं मिलता किसी से आज़ादी की धूमें हैं शोहरे... >> दिन के हंगामे जिला देते हैं मुझ को वर्ना सुब्ह से पहले कई मर्तबा मर जाता हूँ Share on: