दिन नहीं रात नहीं सुब्ह नहीं शाम नहीं By Sher << जब से छूटा है गुलिस्ताँ ह... दिल ले गया है मेरा वो सीम... >> दिन नहीं रात नहीं सुब्ह नहीं शाम नहीं रह गई एक नहीं हाँ का कहीं नाम नहीं Share on: