दिन ताल बाजता है होती है जब सवारी By Sher << हर गदा गोशा-ए-क़नाअत में याद आते हैं वे दिन बहुत >> दिन ताल बाजता है होती है जब सवारी लश्कर में राग शब कूँ ऊँटों का है उड़ाना Share on: