दीवानगी मेरी के तहय्युर में शब-ओ-रोज़ By Sher << पत्तियाँ हो गईं हरी देखो कुछ रोज़ से हम शहर में रु... >> दीवानगी मेरी के तहय्युर में शब-ओ-रोज़ है हल्क़ा-ए-ज़ंजीर से ज़िंदाँ हमा-तन-चश्म Share on: