दीवाली की ख़ुशी थी पटाख़ों का शोर था By Sher << हम तो कहते थे ज़माना ही न... बारूद के बदले हाथों में आ... >> दीवाली की ख़ुशी थी पटाख़ों का शोर था मैं कर रहा था उस की ख़मोशी से गुफ़्तुगू Share on: